मैं कान्हा तेरी दीवानी हु ये मैं जानू या तू जाने,
मैं दासी तेरी पुरानी हु ये मैं जानू या तू जाने,
तू नन्द लाला कहलाता है मैं बरसाने की हु छोरी,
जन्मो जन्मो अमर प्रेम से बाँध रखी मने डोरी
मैं तेरी राधा रानी हु ये मैं जानू या तू जाने
जब द्वापर में मथुरा आये उस कंस का भोज मिट्या था,
इन हाथो पे निज माथे पर तूने टिका लगवाया था,
मैं कुकड़ी तिलक लगाती हु ये मैं जानू या तू जाने
हे मन मोहन गिरवर धारी मैं तेरी मीरा बाई हु,
हरी राम बेसिले कुसक मनोली वाले की कविताएं हु,
मैं तो सब भगतो की वाणी हु, ये मैं जानू या तू जाने