Menu
×
प्रथम पन्ना
home
कृष्ण भजन
krishna bhajans
शिव भजन
shiv bhajans
हनुमान भजन
hanuman bhajans
साईं भजन
sai bhajans
जैन भजन
jain bhajans
दुर्गा भजन
durga bhajans
गणेश भजन
ganesh bhajans
राम भजन
raam bhajans
गुरुदेव भजन
gurudev bhajans
विविध भजन
miscellaneous bhajans
विष्णु भजन
vishnu bhajans
बाबा बालक नाथ भजन
baba balak nath bhajans
देश भक्ति भजन
patriotic bhajans
खाटू श्याम भजन
khatu shaym bhajans
रानी सती दादी भजन
rani sati dadi bhajans
बावा लाल दयाल भजन
bawa lal dayal bhajans
शनि देव भजन
shani dev bhajans
आज का भजन
bhajan of the day
भजन जोड़ें
add bhajans
Get it on Google Play Join Bhajan Ganga Whatsapp channel



Currently you are visiting mobile version. Click http://www.bhajanganga.com/ for full version
गंगा जी तेरे खेत मै

गंगा जी तेरे खेत मैं री माई गडे सैं हिंडोळे चयार कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही

शिवजी के करमंडल कै, विष्णु जी का लाग्या पैर
पवन पवित्र अमृत बणकै, पर्बत पै गई थी ठहर
भागीरथ नै तप कर राख्या, खोद कै ले आया नहर
साठ हज़ार सगर के बेटे, जो मुक्ति का पागे धाम
अयोध्या कै गोरै आकै, गंगा जी धराया नाम
ब्रह्मा विष्णु शिवजी तीनो, पूजा करते सुबह शाम
सब दुनिया तेरे हेत मैं, किसी हो रही जय जयकार  
कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही

अष्ट वसु तन्नै पैदा किये, ऋषियों का उतार्या शाप
शांतनु कै ब्याही आई, वसुओं का बनाया बाप
शील गंग छोड कै स्वर्ग मैं चली गई आप
तीन चरण तेरे गए मोक्ष मैं, एक चरण तू बणकै आई
900 मील इस पृथ्वी पै, अमृत रूप बणकै छाई
यजुर-अथर्व-साम च्यारों वेदों नै बड़ाई गाई
शिवजी चढ़े थे जनेत मैं, किसी बरसी थी मूसलधार ....
कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही~~~~

गौमुख, बद्रीनारायण, लछमन झूला देखि लहर
हरिद्वार और ऋषिकेश कनखल मैं अमृत की नहर
गढ़मुक्तेश्वर, अलाहबाद और गया जी पवित्र शहर
कलकत्ते तै सीधी होली, हावड़ा दिखाई शान
समुन्द्र मैं जाकै मिलगी, सागर का घटाया मान
सूर्य जी नै अमृत पीकै अम्बोजल का किया बखान
इक दिन गई थी सनेत मैं, जित अर्जुन कृष्ण मुरार ....
कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही~~~~

मौसिनाथ तेरे अन्दर जाणकै मिले थे आप
मानसिंह भी तेरे अन्दर छाण कै मिले थे आप
लख्मीचंद भी तेरे अन्दर आण कै मिले थे आप
मुक्ति का जो मारग तोहवे तेरे अंदर न्हाणे आल़ा
पाणछि मैं वास करता, एक मामूली सा गाणे आल़ा
मांगेराम भी एक दिन माई तेरे अंदर आणे आल़ा
राळज्यागा तेरे रेत मैं कित टोहवैगा संसार ....
कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही~~~~

लेखक :- दादा मांगेराम जी
शुभम रिठालिया , द्वारा गाने का छोटा सा प्रयास
Mob :- 8750104889
Khatu Shyam Films Youtube Channel

श्रेणी
download bhajan lyrics (1053 downloads)



Similar Bhajans