मानव जनम गमायो रे

कदे ना हरि गुण गायो रे,ते मानव जनम गमियो रे

लख चोरासी भटकत-भटकत, नर तन पायो रे
रेकोल किया था भजन करण का,जग भरमायो रे

बाल पणो ते खेल कूद ओर ,नाच गमायो रे
आई जवानी धन दोलत,तिरीया बिलमायो रे

बूढापे तन भयो पुराणो,रोग संतायो रे
बेटा पोता कहयो ना माने,जद पछतायो रे

सदानन्द कहे हरि सुमिरन रो,अवसर आयो रे
रबार-बार नही मिले बावरा,हीरो पायो रे

रचनाकार:-स्वामी सदानन्द जोधपुर
M.9460282429

श्रेणी
download bhajan lyrics (945 downloads)