पिता का साया है

जितना जरुरी माँ अंचल बचो के मन भाया ही,
उतना जरुरी हम बचो को सिर पे पिता का साया है,

दुःख तकलीफ को घर के अंदर आने नहीं देता है जो,
जो भी है जैसा भी है अपने सिर लेता है वो,
अपने बचो को खुश देख के सदा ही जो मुस्काया है,
उतना जरुरी हम बचो को सिर पे पिता का साया है,

पड़ा लिखा कर हम को जीवन जीने के लायक है किया,
अँधेरे रास्तो के संग संग चलते रहे है बन के दीया,
मुस्काते मुस्काते अपना हर इक फर्ज निभाया है,
उतना जरुरी हम बचो को सिर पे पिता का साया है,

मात पिता की सेवा भगतो सो तीर्थ का फल देती,
सुख के फूल चुन न चाहो कर लो सेवा की खेती,
पंकज जिसने बात ये मानी उस ने सब कुछ पाया है,
उतना जरुरी हम बचो को सिर पे पिता का साया है,

श्रेणी
download bhajan lyrics (869 downloads)