हिवड़े में वस गयो म्हारो सुंदर सो मुखड़ो थारो,
चलो जी नजर उतारा महसर मात की,
आज गज़ब का थाणे किसने सजाओ जी,
देख के मुखड़ा माँ को चंदा शरमायो जी,
भगता बलिहारी जावे हिल मिल सब मंगल गावे,
झांकी निहारो महसार मात की,
हे भक्तो नजर उतारो महसार मात की,
सोला शिंगार थारो चुनर मतवाली थी,
लागे सूरज की लाली माथे की बिंदियाँ थारी ,
ढोल नगाड़ा भाजे भगता सब झूमन लागे,
रील मिल सब मंगल गावे मात जी,
हे भक्तो नजर उतारो महसार मात की,
निम्भु मिर्ची से थारी नजर उतारा जी,
राही माता पर थारा थारे गुण गावे जी,
लाडो किशोरी थारी जावे थापे बलिहारी,
रखना माँ लाज हमारी मात की,
हे भक्तो नजर उतारो महसार मात की,