आई नौरात्रि की शुभ घड़ी जुड़ गई प्रीत की अब कड़ी,
मच गई खलबली खलबली खलबली,
माँ दुर्गा काली अम्बा गोरी श्रदा है रूप तेरे कितने माँ सब में आस्था है,
काल रात्रि ये महेशमर धरी देके देत्यो की तूने बली,
मचा दी खलबली खलबली
जगराता है माँ का और मंदिर सजा है माँ के दर पे भगतो का ताता लगा है,
माँ ने ोह्ड़ी चुनर सुनेहरी मेहके धुप बाती ज्योति जली.
फिजा हुई संदली संदली,
आई नौरात्रि की शुभ घड़ी जुड़ गई प्रीत की अब कड़ी,
मच गई खलबली खलीबली खलबली,
तेरे नाम का माता चर्चा बड़ा है ,
तीनो लोको में तेरा दर्जा बड़ा है,
गिरते हुए को तूने संभाली बन के आया है वो तो सवाली,
आदमी आम हो जा बाहुबली
आई नौरात्रि की शुभ घड़ी जुड़ गई प्रीत की अब कड़ी,
मच गई खलबली खलीबली खलबली,