जपो राम राम भजो राम राम,
दुखी मन को मिलेगा आराम,
जिस घडी काम कोई ना आये,
उस घड़ी राम आएंगे काम,
जपो राम राम भजो राम राम,
राम को सौंप दी जिसने नइयाँ,
बन गये राम उसके खिवैयाँ,
राम का नाम शीतल है ऐसे,
धुप में जैसे मिल जाये छइया,
कोई ऐसा यत्न तुम करोगे ये मन आज बन जाये राघव का धाम,
जपो राम राम भजो राम राम,
रम गई राम में जिसकी वाणी,
राम के पास जाये वो प्राणी,
बन के शबरी पुकारा है जिसने,
राम लीला उसी ने है जानी,
राम अमृत कलश राम करुणा का रस,
पियो निश दिन सुबह हो या शाम,
जपो राम राम भजो राम राम,
राम है तो ये सांसे है तन में,
राम है तो है ज्योति नैन में,
सांस विरथा कोई भी न जाये,
बीते हर पल प्रभु के भजन में,
जो मग्न राम में जिसका मन राम में,
उसको झुक कर करो तुम परनाम,
जपो राम राम भजो राम राम,