मेरे बस में तो बस उनकी आराधना
बाकी बातें पवनसुत को है सोचना
मेरे बस में...
जिसको हनुमानजी का सहारा मिला
मन मुताबिक उसे हर नज़ारा मिला
ज्ञात है उनको मेरी मनोकामना
बाकी बातें पवनसुत को है सोचना
जग में हनुमत का गुणगान यूँ ही नहीं
राम मन्दिर में हनुमान यूँ ही नहीं
दिल से हनुमान जी की करें साधना
बाकी बातें पवनसुत को है सोचना
भोले शंकर के हनुमान अवतार हैं
राम की भक्ति के वे ही कर्णधार हैं
उनकी आराधना ही है 'हरि' वन्दना
बाकी बातें पवनसुत को है सोचना
लेखक:-
डा० हरि प्रकाश श्रीवास्तव 'फ़ैज़ाबादी'
09450489789