आदत पड़गी बाबा थांस्यू लाड लड़ावण की,
म्हारा खाटुवाला श्याम थांस्यू बतलावण की,
तुम हाथ पकड़ते हो रस्ता दिखलाते हो,
एक बाप के होने का तुम फर्ज निभाते हो,
म्हारी ली जिम्मेदारी रस्ता दिखलावण की,
आदत पड़गी ..............
मन की सारी बातां थांस्यू बतलावां हां,
माँ की ममता सारी सांवरा थांस्यू पावां हां,
थांस्यू नैण मिलाकर के आंसू छलकावण की,
आदत पड़गी ..............
थांस्यू मिलबा खातिर म्हार चाव घणों जागे ,
खाटु नगरी म्हान पिहरीयो सो लागे ,
म्हार मन म चाव रहवे पिहरीय जावण की,
आदत पड़गी ..............
बाबुल घर म्हें जावां तन मन की बतलावां,
झुरझुर हिवड़ो रोव जद मिल पाछां आवां ,
थार 'देवकीनन्दन' न भजनांस्यू रिझावण की,
आदत पड़गी ...............