आया जब से दर पे जाने क्या हो गया,
ओ कुटिया वाले बालाजी तेरा हो गया
कुटिया वाले बाला जी की अज़ब शान है,
जो भी देखे वही इन पे कुर्बान है,
इनकी भक्ति का मुझपे नशा छा गया,
ओ कुटिया वाले बालाजी तेरा हो गया
जब से कुटियां वाले बाला तेरी भक्ति मिली सुने मन की बाला जी मेरी कलियाँ खिली,
जो न सोचा कभी वही हो गया,
ओ कुटिया वाले बालाजी तेरा हो गया
मंगल वार शानि वार को जो दर पे आये सिंदूर चढ़ाये और भोग लगाए,
मिठू बाला की किरपा से संकट दूर हो गया,
ओ कुटिया वाले बालाजी तेरा हो गया