थारी नगरी में सांवरिया नाचू दोनु आख्या मीच,
दोनु आख्या मीच सांवरा दोनु आख्या मीच,
बिन दर्शन मण्डो नहीं माने,
जी भरमायो माहरे क्या ने,
नैन नचावे छाने छाने,
आन समजी में लई कन्हियाँ वेळ प्रीत की खींच,
थारी नगरी में सांवरिया नाचू दोनु आख्या मीच,
थारे सु भी तरलो मिलो गो,
चाड छुपी चुप कैसे मिले गो,
लटक देख मेरो मन खिले गो,
धनि दूर से आयो है प्रभु क्या खीचम खींच,
थारी नगरी में सांवरिया नाचू दोनु आख्या मीच,
मैं नाचू मेरो मण्डो नाचे,
संसारी सब था ने जांचे,
वेख नसीबा की गुण बाचे,
सूरत सुहागन झूमे थारे मंदिरए के बीच,
थारी नगरी में सांवरिया नाचू दोनु आख्या मीच,
श्याम बहादुर खेमन नगरिया,
शिव के तो थारा ही जरियाँ,
यादा में दो नैना झरिया,
मोर घना बैकुंठ सांकड़ी माझी भी गंभीर,
थारी नगरी में सांवरिया नाचू दोनु आख्या मीच,