(तर्ज: ल्याया थारी चुनड़ी….)
हम बच्चों पे हे मैया , है तेरा उपकार,
तू हर पल रक्षा करती , में पाता रहूं तेरा प्यार,
तूँ ही दुर्गा तूँ ही भवानी तूँ काली जगदम्बे है ,
तूँ ही शेरांवाली मैया और तूँ ही तो अम्बे है ,
दुष्टों का नास करे तूँ , रहती हरदम तैयार
अपने बच्चों की खातिर तूँ क्या से क्या कर जाती है,
इसीलिए हे मेरी मैया कुलदेवी कहलाती है ,
तूँ कुल की लाज बचावे , तेरी महिमा अपरम्पार
सिंह सवारी करने वाली तेरी महिमा न्यारी है ,
जगह जगह पे मंदिर तेरे भवन बने अति भारी है ,
घर-घर में पूजा होती , और पूजे है संसार
तेरे दर जो आया मैया वो खाली ना जायेगा ,
'देवकीनंदन' माँ तेरे आँचल की छैंया पायेगा ,
म्हें धोक लगावां देवी , थे कर लीज्यो स्वीकार