चांद जैसा मुखड़ा मां का बैठी है दरबार में

चांद जैसा मुखड़ा मां का बैठी है दरबार में,
रत्नागढ़ से आ गई मैया हम भक्तों के प्यार में,
चांद जैसा मुखड़ा मां का बैठी है दरबार मे....

भाई किर्सान्यो करे चाकरी मैया के दरबार में,
अन्नपूर्णा से आ गई मैया किर्सान्या के प्यार में,
चांद जैसा मुखड़ा मां का बैठी है दरबार में....

भाई झमराल्यो करे चाकरी मैया के दरबार में,
सलकनपुर से आ गई मैया झमराल्या के प्यार में,
चांद जैसा मुखड़ा मां का बैठी है दरबार में....

भाई सुनार्यो करे चाकरी मैया के दरबार में,
पावागङ से आ गई मैया सुनार्या के प्यार में,
चांद जैसा मुखड़ा मां का बैठी है दरबार में....
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