री मेरी सुण ले जम्मू आली,
अम्बे सरस्वती और काली,
माँ तेरी आस लगाई री,
भर के चाऊँ मन में,
माँ करी तेरी चढ़ाई री,
भर के चाऊँ मन में,
माँ करी तेरी चढ़ाई री……….
रस्ते में बाण गंगा,
मैं नहा के गया चंगा,
मैंने डुबकी लगाईं री,
माँ करी तेरी चढ़ाई री,
भर के चाऊँ मन में,
मेरी सुण ले जम्मू आली,
अम्बे सरस्वती और काली,
माँ तेरी आस लगाई री,
भर के चाऊँ मन में,
माँ करी तेरी चढ़ाई री.....
तेरी चरण पादुका आई,
मैंने दिल ते धोक लगाईं,
होगी सफल कमाई री,
भर के चाऊँ मन में,
माँ करी तेरी चढ़ाई री,
भर के चाऊँ मन में,
मेरी सुण ले जम्मू आली,
अम्बे सरस्वती और काली,
माँ तेरी आस लगाई री,
भर के चाऊँ मन में,
माँ करी तेरी चढ़ाई री.....
मेरी चिंता मिट गई सारी,
जब पहुंचा अर्द्ध कवारी,
माँ मैं बैठी पाई री,
भर के चाऊँ मन में,
माँ करी तेरी चढ़ाई री,
भर के चाऊँ मन में,
मेरी सुण ले जम्मू आली,
अम्बे सरस्वती और काली,
माँ तेरी आस लगाई री,
भर के चाऊँ मन में,
माँ करी तेरी चढ़ाई री.....
तेरे नाम की लागी,
फिर सांझी छपकी आगी,
सब तेरी करे बड़ाई री,
भर के चाऊँ मन में,
माँ करी तेरी चढ़ाई री,
भर के चाऊँ मन में,
मेरी सुण ले जम्मू आली,
अम्बे सरस्वती और काली,
माँ तेरी आस लगाई री,
भर के चाऊँ मन में,
माँ करी तेरी चढ़ाई री.....
नरेंद्र कौशिक आया,
संग “राम भगत” ने ल्याया,
वर दे दे माई री,
भर के चाऊँ मन में,
माँ करी तेरी चढ़ाई री,
भर के चाऊँ मन में,
मेरी सुण ले जम्मू आली,
अम्बे सरस्वती और काली,
माँ तेरी आस लगाई री,
भर के चाऊँ मन में,
माँ करी तेरी चढ़ाई री.....