रूप है जिसका बड़ा भयंकर,
जिस से थर थरा थर काँपे जल थल,
गल रुन्डल की माला ढाली लगती बड़ी निराली,
रुंड मुंड को मार के देखो नाच रही माँ काली,
चंड मुंड को मार के देखो नाच रही माँ काली,
बड़े बड़े आसुरो को तारा महिशा सुर को पल में मारा,
शुन्ब निसुन्ब ने जब ललकारा,तिरशूल से शीश उतारा,
वार से कोई बचा न पाया,वार न जाये खाली,
चंड मुंड को मार के देखो नाच रही माँ काली,
कर में खप्पर कंग विराजे,
सोहे हथ तिरशूल भी साजे,
पैरो में पायल भी भाजे काली माँ का क्या खूब है साजे,
तीन लोक में हलचल हो गई नाची जब मतवाली,
चंड मुंड को मार के देखो नाच रही माँ काली,
देत्य असुर माँ से है डरते माँ के दर का पानी भरते,
माँ की जय जय कार है करते माँ चरणों में शीश को धरदे,
लक्की कहे पडती ये भारी काली कलकते वाली,
चंड मुंड को मार के देखो नाच रही माँ काली,
Singer Lucky Shekhawat contact 9463501003