खोलो माँ बूहे मंदिरा दे खोलो |
कद दा खड़ा आवजा मारा, मेरे बोल सुनो, कुझ बोलो ||
भगतां नाल मे आया रल के,
बैठ गया तेरा बूहा मल के |
मावां बिना पुत रुल जांदे ने,
मैनू इन्झ ना रोलो माँ ||
करमा दे कंडेयां नू कौन चुनेगा,
तू ना सुनेगी ता कौन सुनेगा |
पथरों भारे अवगुण मेरे,
तकड़ी विच ना तोलो माँ ||
ऐसा कुज लिख दे विच लेखां,
तू मेनू मै तेनु वेखा |
बंसी दास नू कोल बिठा के,
बह के दुःख सुख फोलो माँ ||