मैंने सुना है डमरू बाज रहा मेरे भोले का,
मुझे चढ़ गया चढ़ गया नशा भांग के गोले का,
कैसे जादू है किया मेरा डोले रे जिया,
मुझे शेर बना दिया जो था पहले तोले का,
मुझे चढ़ गया चढ़ गया नशा भांग के गोले का,
पहने गले में सांप की माला जटाधारी तू अजब निराला,
राख बंदन पे अपने लगाये फिर भी सब के मन को भाये,
जब साथ तू मेरे डर नहीं कुछ खोने का,
मैंने सुना है डमरू बाज रहा मेरे भोले का,
मुझे चढ़ गया चढ़ गया नशा भांग के गोले का,
असुरो को संघारणे वाले देव लोक को तारने वाले,
गोरापति बैलो की सवारी रख लेना अब लाज हमारी,
एश्सास करवादो अपने यह पे होने का,
मैंने सुना है डमरू बाज रहा मेरे भोले का,
मुझे चढ़ गया चढ़ गया नशा भांग के गोले का,