( इरादे सैकड़ो बनते हैं बनकर टूट जाते हैं,
कावड़ वही उठाते हैं जिन्हें भोले बुलाते हैं। )
उज्जैन मुझे बुला लो महाकाल महाराजा,
महाकाल महाराजा राजाओं के महाराजा,
राजाओं के महाराजा उज्जैन के महाराजा,
चरणों में अब बुला लो,
चिंता मेरी मिटा दो महाकाल महाराजा.....
दर्शन को भोले बाबा अखियां तरस रही है,
सावन में जैसे झर झर बूंदे बरस रही है,
दर्शन की भिक्षा दे दो महाकाल महाराजा…....
किस्मत को चमका दो राजाओं के महाराजा,
बिगड़ी मेरी बना दो उज्जैन के महाराजा,
सेवक मुझे बना लो महाकाल महाराजा….
दरबार है हजारों तेरा दरबार अनोखा,
काल भी सर को झुकाए यहां से मिले ना धोखा,
मिट जाए गम जहां का,
मिट जाए दर्द सारा महाकाल महाराजा,
उज्जैन मुझे बुला लो महाकाल महाराजा…..