मेरे भोले की मूरत सजी है
शिव रात्रि की धूम मची है
शिवरात्रि पर्व महान है शिव पूजा की धूम महान है,
शिव आसमा गोरी ज़मीन है,
मेरे भोले की मूरत सजी है
शिव रात्रि की धूम मची है
दिल की भांति मन को धुप दिखा कर,
श्रद्धा की प्रतिभा का भंग चढ़ा कर,
शिव शक्ति में होक रमी है,
शिव रात्रि की धूम मची है
दूध और जल की धरा बही है,
भक्ति का सुख सारा यही है,
सारी श्रिष्टि में ज्योत जगी है,
शिव रात्रि की धूम मची है