उधो माने न माने न या माने जा के कांटो लगे वो ही जाने,
ऊधो लाये हो संदेश तुम श्याम को,
ये हमारे नहीं है कोई काम को,
वो तो वे पीर हां हम को ना माने,
जा के कांटो लगे वो ही जाने,
प्यारी कुब्जा लगी है ब्रिज छोड़ कर,
ब्रिज की बन तान श्याम मुख मोड़ कर,
वो तो कुब्जा के भाई है दीवाने,
जा के कांटो लगे वो ही जाने,
याद आती है वा की हमे हर घडी,
आँख के अनसुइया की लगी है लड़ी,
वो तो निष्ठुर हम को ना माने,
जा के कांटो लगे वो ही जाने,