इक छोटी सी मांग है मेरी,बोलू इतनी बात,
ऐसा बंधन हो अपना तू सदा रहे मेरे साथ,
ओ मेरी माँ ओ मेरी माँ शेरावालिये मेरी माँ,
तेरे नाम से तन मन खिल जाये कुछ और नहीं तू मिल जाये,
हर साँस करू मैं याद तुम्हे तेरा सिमरन ऐसा रंग लाये,
भक्ति में दिन गुजरे और चिंतन में बीते रात,
ऐसा बंधन हो अपना तू सदा रहे मेरे साथ,
ओ मेरी माँ ओ मेरी माँ शेरावालिये मेरी माँ,
चरणों का ध्यान लगाया करू तेरे ही गुण मैं गाया करू,
तेरा मेरा साथ कुछ ऐसा बने जब चहु दर्शन पाया करू,
तेरी रेहमत होती जब पल में बदले हालात,
ऐसा बंधन हो अपना तू सदा रहे मेरे साथ,
ओ मेरी माँ ओ मेरी माँ शेरावालिये मेरी माँ,
आकार दिन आधार दियां तूने सब को आधार दियां,
तेरी मेहर से मंगल हो जाये तेरा जो भी हुआ उसे तार दियां ,
कहता लाल फिरोज तेरा सरजीवन अम्बे माँ
ऐसा बंधन हो अपना तू सदा रहे मेरे साथ,
ओ मेरी माँ ओ मेरी माँ शेरावालिये मेरी माँ,