रूठी मेरी माँ मैं कैसे मनावाँ,
दर्द ये कैसे मैं छुपावां,
ये नैना रोवे रोवे आजा मेरी माँ,
ये नैना रोवे रोवे आजा मेरी माँ.....
उठ सी गई है सर से छाया,
तुझको खो कर है क्या पाया,
कैसी है मेरी तक़दीर, तू बन बैठी है तस्वीर,
कौन सुनावे लोरी रातें अधूरी,
दर्द ये कैसे मैं बतावां,
ये नैना रोवे रोवे आजा मेरी माँ......
जब तेरी याद आये आँखें भर आये,
देखूं ना दिखे तू मुझको बात ये सताये,
रोटी तेरे हाथों की मुझको खिला दे,
हाथ पकड़ के गले से लगा ले,
तेरे बिन रातें मेरी कटती नहीं है,
दर्द ये कैसे मैं भुलावां,
ये नैना रोवे रोवे आजा मेरी माँ......