जय माँ जय माँ
जय माँ जय माँ…
जय माँ जय माँ
जय माँ जय माँ….
मैया तूने सब है दिया,
पर मैंने कुछ भी ना दिया,
भटक रहा मेरा मन प्यासा,
आके देजा तू ही दिलासा,
मेरे मन को शांति दे,
मेरी माँ… मन को शांति दे,
मेरे मन को शांति दे,
मेरी माँ… मन को शांति दे…
मैया तूने सब है दिया
पर मैंने कुछ भी ना दिया.....
सभी सुखों को छोड़ मेरा मन,
माँ चरणों में आया,
तेरे चरणों में ही मिले माँ,
मुझको शीतल छाया,
मुझको छाया दे मेरी माँ,
मुझको छाया दे मेरी माँ,
अब तो मुझको छाया दे,
मेरी माँ… मुझको छाया दे,
मेरे मन को शांति दे,
मेरी माँ… मन को शांति दे,
मैया तूने सब है दिया,
पर मैंने कुछ भी ना दिया.....
काम क्रोध मद लोभ में फस के,
धन के ढेर लगाए,
महल अटारी ऊँचे कर लिए,
फिर भी मन ललचाये,
फिर भी मन ललचाये रे,
फिर भी मन ललचाये रे,
मन भटक भटक पछताए रे,
भटक भटक पछताए,
मेरे मन को शांति दे,
मेरी माँ… मन को शांति दे,
मैया तूने सब है दिया,
पर मैंने कुछ भी ना दिया.....
तेरे चरणों की गंगा में,
एक बार जो नहाएं,
इसी जनम में सौ जन्मों की,
भक्ति का फल पाए,
ऐसी भक्ति दे मेरी माँ,
ऐसी ही भक्ति दे मेरी माँ,
ऐसी ही भक्ति दे मेरी माँ,
ऐसी भक्ति दे,
मेरे मन को शांति दे,
मेरी माँ… मन को शांति दे,
मैया तूने सब है दिया,
पर मैंने कुछ भी ना दिया,
भटक रहा मेरा मन प्यासा,
आके देजा तू ही दिलासा,
जय माँ जय माँ
जय माँ जय माँ………