सच्ची ज्योत ने कण कण विच कर दिति रहनाइ है,
दर्शन करलो भगतो ज्योत ज्वाला जी तो आई है
मेरी माता दा है जगराता भगता ने भवन सजाया,
सारा जग करण दीदारे मैया दे दर ते आया ,
झोलियाँ आगे करलो मेहरा वंडे मेरी माई है,
दर्शन करलो भगतो ज्योत ज्वाला जी तो आई है
चरना विच माँ दे बेह के आज सारी रात ही गाओ,
आज अरण पुरना माँ तो मुँह मंगे ही फल पाओ,
बार न बचे रेहमता वाला झड़ी मात ने लाइ है,
दर्शन करलो भगतो ज्योत ज्वाला जी तो आई है
इस ज्योत दा करम बथेरा,
एह करदी दूर हनेरा जद मारे लिश्कारे
खुशिया दा होये सवेरा कोमल एते सलीम नु तारे ज्योता वाली माई ए,
दर्शन करलो भगतो ज्योत ज्वाला जी तो आई है