पाथरी आली कमाल करती है
तेरे अपने भगत ने मईया माला माल करती है,
पाथरी आली कमाल करती है
ध्वजा नारियल जाके भेट चढ़ावे से,
पूरी पापड़ी का जाके भोग लगावे से,
दरबार में मेरी मईया जी निहाल करती है,
पाथरी आली कमाल करती है
दीं दुखी के संकट पल में काटे से,
धन माया के भर भर मुठे बांटे से,
दरबार में मेरी मईया जी निहाल करती है,
पाथरी आली कमाल करती है
भुत प्रेत और काटे रोग पुराना से,
जय माँ जय माँ मने भी गुण गाना से,
दरबार में मेरी मईया जी निहाल करती है,
पाथरी आली कमाल करती है
राजेश कुमार ने देदे तेरा सहारा माँ,
ज़िंदगी भर न छूटे तेरा द्वारा माँ,
तेरे अपने लाल ने मईया कितना कमाल करती है,
पाथरी आली कमाल करती है