जिन्हा दे सिर उत्ते हाथ मैया दा
ओहना नू काहदा डर वे लोको
मैया दे द्वारे आके मांगणो ना संगिये,
उन्हा दे कोलो बस नाम ही मांगिये,
जिन्हा दी वन गयी ने मैया मालिक,
उन्हा नु.......
दुःख आवे सुख आवे हस के गुजारिये,
हर वेले दाती दा शुकर गुजारिये,
जिन्हा दे पल्ले सिद्क़े दी पूंजी
उन्हा नु........
इस झूठे जग कोलो पल्ला छुड़ा लाईये,
प्यारी मैया नु अपनी बाहा फडा लाईये,
जिन्हा ने मैया ते सुटियाँ डोरा,
उन्हा नु.......