तेरी करती रहूं मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ,
वरदान यही मैं चाहूँ,
वरदान यही मैं चाहूं,
वरदान यही मैं चाहुँ
तेरी करती रहूं मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ।
माँ शेरावाली वर देना,
माँ ज्योता वाली वर देना।।
एक जनम क्या कई जन्मो तक,
तेरी सेवा पाऊं,
सुन्दर सुन्दर इन हाथों से,
तेरे द्वार सजाऊँ,
मेरी लगती रहें दर हाज़िरी,
वरदान यही मैं चाहूँ,
तेरी करती रहूं मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ।
माँ शेरावाली वर देना,
माँ ज्योता वाली वर देना।।
अपनी आँखों के पलकों से,
तेरा अंगना बुहारूं,
तन मन के फूलों से अम्बे,
मंदिर तेरा सँवारु,
बस मैं ये चाहूँ तेरी चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ,
तेरी करती रहूं मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ।
माँ शेरावाली वर देना,
माँ ज्योता वाली वर देना........