जिस घर में रामायण की चर्चा होती रहती है,
उस घर में बजरंग बलि की किरपा होती रहती है,
राम नाम सुन कर बजरंगी दोहड़े दोहड़े आते है,
अष्ट सीधी नव निधि के दाता बिगड़े काम बनाते है,
संत मुनियो की वाणी भी यही निरंतर कहती है,
उस घर में बजरंग बलि की किरपा होती रहती है,
है आसान ये जीवन फिर दर रामायण का ज्ञान है,
राम का मरहम जो समज न पाये वो मूरख अज्ञान है,
गाता संदीप दिल से राम सुदा रस बहती है,
उस घर में बजरंग बलि की किरपा होती रहती है,