पवन वेग से है चाले है चलते लेके नाम का राम,
मंगल को जन्मे मंगल ही करते मंगल मई हनुमान,
तीर लगा सीने में लखन के तुम संजीवनी लाये थे,
ला संजीवनी भुटटी तुम लक्षमण के प्राण बचाये थे,
मिला दियां भाई से भाई बजरंगी तो महान है,
मंगल को जन्मे मंगल ही करते मंगल मई हनुमान,
फिर से विपदा आई राम पर अब तुमको आना होगा,
जन्मे यहाँ है राम वही पर मंदिर बनवाना होगा,
अवध भूमि है राम की क्यों न समजे ये इंसान है,
मंगल को जन्मे मंगल ही करते मंगल मई हनुमान,
कहते अर्जुन प्रेम पवन सूत विनती न ठुकरा देना,
अपने इन चरणों में हमे भी बस थोड़ी सी जगह देना,
काँप ते है प्रभु तुम से सारे भुत प्रीत शैतान है,
मंगल को जन्मे मंगल ही करते मंगल मई हनुमान,