दया दिन रात यहाँ बरसती,
सालासर धाम की है ऐसी हस्ती,
धाम बाला जी का है यह प्यारा,
आने को दुनिया है तरसती,
सालासर धाम की है ऐसी हस्ती,
दया दिन रात यहाँ बरसती.....
धाम जग में यह अति निराला,
बसते है जहाँ बजरंगी बाला,
श्रद्धालु भक्तजन सब आते,
बड़े प्रेम से भजन सब गाते,
भक्ति की छाती ऐसी मस्ती,
सालासर धाम की है ऐसी हस्ती,
दया दिन रात यहाँ बरसती.....
आकर चरणों में जो शीश नवाते,
बाला जी की वो कृपा सब पाते,
मिटती उनकी व्याधि रोग विकार,
बजरंगी करते सबके सपने साकार,
हनुमान जी की कण कण अस्ति,
सालासर धाम की है ऐसी हस्ती,
दया दिन रात यहाँ बरसती.....
भव सागर में जिनकी डोले नैया,
बनते बजरंगी उनके खिवैया,
थाम रखते सदा हाथों पतवार,
लगाते उनका सदा बेड़ा पार,
भंवर पड़े पर डूबे ना कश्ती,
सालासर धाम की है ऐसी हस्ती,
राजीव दया दिन रात है यहाँ बरसती.......