फूंक दिया रे सोने की लंका,
दर के रूप विशाला जय हो जय अंजनी के लाला,
राम नाम का प्याला पी के मस्त रहे मतवाला,
जय हो जय अंजनी के लाला,
सीने में जिसके श्री राम विराजे तीनो लोक में डंका वाजे,
सूर्ये देव को जिसने बना लिया था अपना निवाला,
जय हो जय अंजनी के लाला,
नाम से जिसके संकट कट जावे,
भूत पिछात निकट नहीं आवे,
विवेक और कुलदीप जय जपते प्रभु के नाम की माला,
जय हो जय अंजनी के लाला,