म्हारे मन मंदिर में आन दर्शन दीजिये श्री हनुमान
तेरे भगत है हम अनजान दीजिये हमे दया का दान
म्हारे मन मंदिर में आन दर्शन दीजिये श्री हनुमान
सब कुछ आप के पास है भगवन सेवा में हम क्या लाये
आप कहे तो चरणों में हम प्राण भी अर्पण कर जाए
सच के पथ पर चले हमेशा देना यही वरदान
म्हारे मन मंदिर में आन दर्शन दीजिये श्री हनुमान
जल में थल में नील गगन में उपवन में तुम देखो
दसो दिशा में तुम्हरी मूर्त कं कं में तुम देखो
अजर अमर हो निरा कार हो तुम ही मूर्ति मान
म्हारे मन मंदिर में आन दर्शन दीजिये श्री हनुमान
जड चेतन गुण धर्म कर्म हम क्या पहचाने देवा
अधि अंत का पार है ये आप ही जाने देवा
जो है आप की वाणी देवा वो ही उतम ज्ञान
म्हारे मन मंदिर में आन दर्शन दीजिये श्री हनुमान