तर्ज- कुण जाणे या माया श्याम की
सालासर मे बेठयो बाबो , संकट काटे रे
यो माँ अंजनी को लाल राम को ध्यान लगावे रे
राम भक्त हनुमान बिराजे , सालासर के मन्दिर रे
संकट मोचन नाम कहिजे , मेहन्दीपुर के मन्दिर रे
बाबो संकट सबका काटे , जो नर आवे रे
जगमग थारी ज्योत जगे है , नौबत बाजे द्वारे रे
लाडू पेडा ओर चुरमो , थारे भोग लगावे रे
नारेला की गिनती कोनी , शिश झुकावे रे
बाबो बजरंग काज सवारे , देवे परचा भारी रे
जो भी इनकी शरण मे आवे , बेडा पार लगावे रे
जैजयकार लगावो मिलके , बाबो सागे रे
संजय तवँर
बिराटनगर नेपाल
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