जीवन में जब जब दुःख आये जब जब जी गबराता है,
मेरा साथी बन के कन्हियाँ मेरे दुःख हरने आता है,
जब जब दुनिया ने ठुकराया दुःख के बादल मंडराये,
अपने भक्त की लाज बचाने मनमोहन चल के आये,
जब जब भव में ढोले नइयाँ वो पतवार चलाता है,
मेरा साथी बन के कन्हियाँ मेरे दुःख हरने आता है,
मतलब के है रिश्ते सारे झूठे सारे नाते है,
मतलब साबित जब तक न हो तब तक साथ निभाते है,
जग के ठुकारे के लोगो को पलको पे ये बिठा ता है,
मेरा साथी बन के कन्हियाँ मेरे दुःख हरने आता है,
नरसी भक्त का भात भरा सुदामा का उधार किया,
बीच सबा में लाज बचाई द्रोपती का मान रखा,
अंधियारे जीवन में कान्हा सुख के दीप जलाता है,
मेरा साथी बन के कन्हियाँ मेरे दुःख हरने आता है,