तर्ज - देना हो तो दीजिये , जनम जनम का साथ
जितनी सुन्दर राधा , उतने ही मोहन ,
इन दोनों के चरणों में, मैं करता हूँ वंदन ,
जितनी भी तारीफ करू मैं, उतनी पड़ेगी कम,
गोरी गोरी राधिका और सांवले मोहन ,
मैं तो बलिहारी जाऊ - २ वार तू तन-मन-धन ,
जितनी सुन्दर राधा , उतने ही मोहन ,
राधे राधे बोलो चाहे , बोलो तुम मोहन ,
एक ही तो रूप हैं , राधा और मोहन ,
देख के इनकी जोड़ी - २ मेरा खो गया हैं मन ,
जितनी सुन्दर राधा , उतने ही मोहन ,
छोटी सी हैं विनती मेरी , ओ राधा मोहन ,
मुझ को भी बना लो तुम , मीरा सी जोगन ,
तेरी जोगन बनकर मैं भी - २ , तेरे गाऊँगी भजन ,
जितनी सुन्दर राधा , उतने ही मोहन ,
Lyrics - Jay Prakash Verma , Indore