खाटू वाले श्याम धनी,
तेरे दर्शन करना चाहूँसु,
एक बे बाबा दर्शन देदो, के रोज रोज में आऊंसु ॥
मीरा न बी थारे चरणा में , हरदम ध्यान धरा बाबा।
सुन के न तने टेर भगत की , बेड़ा पार किया बाबा ॥
मैँ भी बाबा तेरे दवारे दर्शन आस लगाउसुं, एक बे बाबा दर्शन ......॥
अरुम अजामिल सदन कसाई पाप न सर पे ठारे थे ।
संता का सत्संग मिला जब बने राम के प्यारे थे ॥
मैँ भी बाबा उन्ते पापी साची साच बताऊँसु , एक बे बाबा दर्शन .......॥
रणचण्डी के तुम ही उपासक, अहलवती के प्यारे हो ।
कलयुग के म्हा तेरे नाम के गूंज रहें जय कारे हो ॥
तेरे नाम की महिमा बाबा भगता बीच सुनाऊँसु, एक बी बाबा दर्शन.....॥
''सुनील शर्मा '' भी बाबा थारे चरणा में ध्यान लगावे सं
टाइम काढ के आ जाइयो कलां भैंसरू गाम बतावे सं
तेरे आवन की सुनके बाबा मन मन में हर्षावे सं , एक बे बाबा दर्शन .....॥
स्वर -''कौशिक जी ''
रोहतक (हरियाणा )