हे शिव शंकर परम मनोहर सुख बरसाने वाले,
दुःख टालते भव से तार ते शम्भू भोले भाले,
हे शिव शंकर परम मनोहर सुख बरसाने वाले,
लो परनाम ही मंगल कारी जगदीश्वर त्रिपुरारी,
साँचा वर दो दीं जनो को हे भोला भंडारी,
आज तुम्हारी शरनी आये दाता मोहे बचा ले,
दुःख टालते भव से तार ते शम्भू भोले भाले,
हे शिव शंकर परम मनोहर सुख बरसाने वाले,
मिर्त्यु तेरे चरण दबाये विश भर कंठ में खेले,
भुत और प्रेत निकट नहीं आये शिव शिव जो लेले,
उसका मन फिर क्या भरमाये जिसको तू ही संभाले,
दुःख टालते भव से तार ते शम्भू भोले भाले,
हे शिव शंकर परम मनोहर सुख बरसाने वाले,
हे ज्ञानेश्वर शक्ति शाली अर्जी करि सवाली,
हम है फूल तेरी बगियाँ के तू है भाग का माली,
उजाला इक करले हम को अपनी शरण लगा ले,
दुःख टालते भव से तार ते शम्भू भोले भाले,
हे शिव शंकर परम मनोहर सुख बरसाने वाले,