लट घुंघराले तेरे और काले काले बाल हैं
श्याम सलोने तेरी टेढ़ी मेढ़ी चाल है
तेरा हवा में सर सर सरका तेरा पीताम्बर मतवाला
कितना सुन्दर लगे बिहारी कितना लागे प्यारा
मुख पे माखन मलता ग्वालों को लेकर चलता
अहीर का छोरा देखो कैसे मटक मटक कर चलता
माथे तिलक है सोहे आँखों में काजल काला
कितना सुन्दर लगे बिहारी कितना लागे प्यारा
बंसी बजाये जब तू मोर भी नाच दिखाए
यमुना भी लेती है मोह कोयल कुह कुह गाये
हाथ में कंगन पहरे और गाल बैजंती माला
कितना सुन्दर लगे बिहारी कितना लागे प्यारा