दादी इतनो सो कर दो बेटी के सिर पे,
थे हाथ जरा धर दयो
सेवा में ले लीजो मने एसो ही घर दयो,
जीवे मंदिर हो थारो एसो हो दर दयो,
थे हाथ जरा धर दयो
सासु हो वे स्याणी,सुसरो हॉवे ज्ञानी,
जो पग पूजे थारा एसो ही वर दयो,
थे हाथ जरा धर दयो
थाने देख के मैं जागु थाने देख के ही सोउ,
जठे ज्योत जगे थारी एसो ही घर दयो,
थे हाथ जरा धर दयो
मंनडे की कह पाउ थासु भूलू बतलाऊ,
थारी स्वाति के मन की हर्ष कवे कर दयो,
थे हाथ जरा धर दयो