शिरडी वाले दर जो बछर आ गया,
मांग न क्या है बिन मांगे वो पा गया,
शिरडी वाले दर जो बछर आ गया,
सबके दिल की जो बाते है वो जान ता,
अपने बंदो की भगतो को पहचान ता,
जो भी आते है श्रद्धा से साई के दर,
झोलिया भर्ती उनकी जो आता बछर,
सब का खुशियों से दामन याहा भर गया,
मांग न क्या है बिन मांगे वो पा गया,
शिरडी वाले दर जो बछर आ गया,
मेरा साई तो पीरो का पीर है,
राम अल्लाह जिस में तस्वीर है ,
बिगड़ा पल में नसीबा बनाते है वो,
पानी भर भर के दीपक जलाते है वो,
अपनी रेहमत दुआये लुटाता है वो ,
रोता आया है हस्ता यहाँ से गया,
मांग न क्या है बिन मांगे वो पा गया,
शिरडी वाले दर जो बछर आ गया,
दर मंदो की उमीदे जगहि है यहाँ,
जान मुर्दो में फिर से पड़ी है यहाँ,
घर ज़मीन धन और दौलत यहाँ से मिले,
जो थे उजड़े चमन वो है फिर से खिले,
साई बाबा का आला वो दरबार है,
साई दर से मायूस कोई न गया,
मांग न क्या है बिन मांगे वो पा गया,
शिरडी वाले दर जो बछर आ गया,