सुंदर फल जिस पाठ का,उसका सुन्दरकाण्ड है नाम,
सुनकर खुश होते श्रीराम,सुनकर खुश होते हनुमान,
रामचरितमानस और तुलसीदास को करो प्रणाम,
सुनकर खुश होते श्रीराम,सुनकर खुश होते हनुमान,
पढ़ो इसे सब ध्यान लगाकर,नित नव अर्थ है होते उजागर,
पाठ करें जब जब प्रेम गाकर,सुनते हैं हनुमानजी आकर,
राम कथा होती है जहां वहां आते हैं हनुमान...सुनकर...
प्रेम भक्ति के इसमें में खजाने जो,पढ़ता वो ही ये जाने,
कर्मवीर बजरंगबली की बुद्धिमता ये पाठ बखाने,
सिया सुधी लाए लंका जलाए,किया नहीं अभिमान...सुनकर...
सियाराम लक्ष्मण की गाथा,बानर भालू भी हैं साथा,
भक्त विभीषण को निर्भय कर,शरण में लेते हैं रघुनाथा,
पाठ समापन पर रामेश्वर सेतुबंध निर्माण...सुनकर...
शिव के निकट जो इसको गाए,हरिहर की कृपा वो पाए,
क्योंकि भोले शंकर भी तो,सदाराम का ध्यान लगाएं,
इसका पठन-पाठन भी ‘‘पवन’’ कहे,स्वयं है एक वरदान...सुनकर...
गायक- गिरधर महाराज
लेखक- संजय शर्मा(पवन)कोलकाता