श्री राम दीवाना जा रहा था

श्री राम दीवाना जा रहा था हवा के झोंके से
तीर भरत ने मार दिया हाय रे धोखे से
मुख से निकला जय सिया राम जय सिया राम जय सिया राम

श्री राम चंद्र और जानकी को अपने दिल में बसा लिया
इतने भारी पर्वत को हाथों में उठा लिया
श्री राम नाम का जाप किया हवा के झोंके से
तीर भरत ने मार दिया हाय रे धोखे से
मुख से निकला जय सिया राम जय सिया राम जय सिया राम


           गायक:- गणेश राजपुत
           माें. 9009204035, 7999629343

download bhajan lyrics (565 downloads)