त्रिशूल धारी मेरे भोले भंडारी अखोरियो संग झूम ते,
चली शिव की बारात मस्ती में सारे झूम ते,
चली शिव की बारात मस्ती में सारे झूम ते,
बैरागी का रूप बनाया भोला शिव त्रिपुरारी आया,
तीनो लोको में है फैली जे भोले तेरी जैसी माया ,
भूत प्रेतों संग झूम के चली शिव की बारात,
मस्ती में सारे झूम ते चली शिव की बारात,
माथे चंदा साजे शिव के गल नागो की माला,
तन पे भस्म रमाये दूल्हा बन गया डमरू वाला,
ढोल नगाड़े भाजे झूम ते, चली शिव की बारात,
मस्ती में सारे झूम ते चली शिव की बारात,
भगतो के संग झूम झूम के नाचे सुभाष दीवाना,
जे के जोगी ने है गा कर शिव भक्तो को नचाना
भांग प्याला पी के झूमते चली शिव की बारात,
मस्ती में सारे झूम ते चली शिव की बारात,