बगड़ बम बम बम लेहरी,

बगड़ बम बम बम लेहरी,
भूतो के है भुत नाथ जो भक्तो के है सदा साथ,
पूरी करे जो सबकी बात को नमन करो शिव भोले नाथ को,
बगड़ बम बम बम लेहरी,
नाश करे शत्रु का किरपा भक्तो पे करते लहरी,
बगड़ बम बम बम लेहरी,

जाप करेगे गोरापति का नील कंठ केलाश पति का,
तीनो लोक के शिव है स्वामी मन की जाने अंतर यामी,
भूत नाथ भूतो के राजा सारी श्रृष्टि के महाराजा,
शिव वैरागी शिव संसारी आधे नर और आधे नारी,
इनकी तीनो आंखे तारी ही श्रृष्टि की पहरी,
बगड़ बम बम बम लेहरी,

जता में अपनी गंग समेटे गोर समसान की राख समेटे,
सिर पर सुंदर चंदा सोहे सर्प गले के मन को मोहे,
जय हो तेरी डमरू धारी बोल रहे सब नर और नारी,
नाच रही भक्तो की टोली देखो भोला और भोली,
शिव के रंग में रंगी है देखो आज तो ये सारी नगरी,
बगड़ बम बम बम लेहरी,......

दी जे सोंग चला भोले का मस्ती में ये दिल ढोले गा,
कावड़ियो की आई फ़ौज शिव की फ़ौज करे गी मौज.,
हर कोई भोले बम बम शिव की रटन मे मिटते गम,
गूंज रहा शिव का ही नारा जीतू शिव का दास है प्यारा,
शर्मा शिव की शरण में आ कर सारी ही श्रृष्टि गहरी,
बगड़ बम बम बम लेहरी,
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