कैलाश निवासी,
हे सिद्ध सन्यासी,
पूजा करे तुझको,
संसार वासी,
कैलाश निवासी,
हे सिद्ध सन्यासी,
पूजा करे तुझको,
संसार वासी...
देवादि देव है,
तू सत्य सुंदर,
बसता है त्रिलोक,
तेरे ही अंदर...
चरणों में तेरी ही,
मोक्ष मिले,
जय शिव शंभू,
जय महाकाल,
भोले नाथ बम भोले...
हर कोई तेरे,
प्यार में मगन,
तेरा नाम ही भोले,
जय शिव शंभू,
जय महाकाल,
भोले नाथ बम भोले....
हर कोई तेरे,
प्यार में मगन,
तेरा नाम ही भोले....
भस्म है भुजाओं में,
गले में है साँप का हार,
जटाओं से बहती तेरे,
अमृत सी गंगा की धार....
हाथ में त्रिशूल है,
करने को पाप संहार...
पाप संहारी,
सृष्टि रचने वाला,
फूला सा प्रेम तेरा...
क्रोध है ज्वाला,
ये सारा संसार,
तुझसे चले,
जय शिव शंभू,
जय महाकाल,
भोले नाथ बम भोले....
हर कोई तेरे,
प्यार में मगन,
तेरा नाम ही भोले,
जय शिव शंभू,
जय महाकाल,
भोले नाथ बम भोले....
हर कोई तेरे,
प्यार में मगन,
तेरा नाम ही भोले,
डमरू के नाद में,
तांडव तू रचता है,
तेरे तेज प्रकोप से,
दुष्ट ना बचता है....
तू आरम्भ है,
तू ही अंत है,
तू हर्ता कर्ता है,
भूत पिशाच और,
शैतान सारे,
काँपे रे थर थर,
तेरे डर के मारे,
दिल से कोई अगर,
तेरा नाम ले,
जय शिव शंभू,
जय महाकाल,
भोले नाथ बम भोले....
हर कोई तेरे,
प्यार में मगन,
तेरा नाम ही भोले,
जय शिव शंभू,
जय महाकाल,
भोले नाथ बम भोले....