काँवरियों के संग कावड़िया हा सबके कंधे धरी कावड़ियाँ,
बोले सब मिल के बम बम हर हर बम हर बम बम,
काँवरियों के संग....
ओ सावन की रुत है आई भगतो पे मस्ती छाई,
कावड़ भरने की सबने आपस में होड़ लगाई,
रिम झिम बरसे बदलियां ऊंची नीची राह डगरियाँ,
बोले सब मिल के बम बम हर हर बम हर बम बम,
पाँव में गुनगुरु शंके सब निकले है सज धज के,
गंगा जल कावड़ भर के भोले के चले है दर पे,
बसती बस्ती गांव नगरियां सजी आज भोले की द्वारियाँ,
बोले सब मिल के बम बम हर हर बम हर बम बम,
मंदिर में भीड़ है भरी हर भगत की आई है बारी,
शिवको अशनान कराया सब आये शरण तुम्हारी,
गिरी भी भर ले आया गगरियाँ,
भक्तो पर है शिव की नजरियां,
बोले सब मिल के बम बम हर हर बम हर बम बम,