उठा के झोला मैं अपना भोले मैं तो पीहर जाऊगी,
है तेरा पेटा भरता न मैं भांग घोट ती मर जाउंगी,
न मन्ने छोड़ के जा गोरा मेरी सुनी हो जे ढाहनी रे,
थोड़ी थोड़ी पिया करू खुद घोट भांग मेरी रानी रे,
भांग पीन की भोले तेरी ाददात माड़ी से,
है तेरी भांग के कारण गोरा सूखती जा रही से,
ये भांग न छोड़े गा भोले फिर लौट के मैं न आउंगी,
है तेरा पेटा भरता न मैं भांग घोट ती मर जाउंगी,
तेरी मानु गोरा बात रे तेरी ाददात से ये मोती,
है मने छोड़ के जावन की तने बात करि है खोटी,
जाना से तो जा गोरा ना बात तने मेरी मानी रे,
थोड़ी थोड़ी पिया करू खुद घोट भांग मेरी रानी रे,
माफ़ करदे भोले नाथ मैं न पीहर जाऊगी,
तू कदे कदे रे पिया कर मैं बस यो चाहुगी,
विशाल ठाकुर ने भोले मैं दर्शन देके आउंगी,
है तेरा पेटा भरता न मैं भांग घोट ती मर जाउंगी,
सामन सामन गोरा रह वे भांग की घुट लगाउ गा,
है तेरे बिना मेरी गोरा रे क्यों तरजि पाउगा,
मस्तापुर इस गांव में मेरी कावड़ लागे प्यारी रे,
थोड़ी थोड़ी पिया करू खुद घोट भांग मेरी रानी रे,