डम डम डमरू भाजे शंकर कैलाश पे नाचे,
तांडव करे ोगडदानी धरती अम्बर सब कांपे,
कोई न माया शिव शमभू की जानी,
बाबा भर्फानी मेरा भोला भर्फानी,
मस्तक चन्दर शीश पे गंगा,
नाचे योगी मस्त मलंगा ,
गल तिरशूल सर्प की माला ोड़ी तन बंगामबर अंगा,
क्रोध रूप जाने ऋषि मुनि ग्यानी,
बाबा भर्फानी मेरा भोला भर्फानी,
शिव का रूप भयंकर भारी दर से कांपे सृष्टि सारी,
हाथ जोड़ कर देवता सारे करे परनाम सब नर नारी,
वीणा भजा के नारद महिमा भाखानि,
बाबा भर्फानी मेरा भोला भर्फानी,
महाकाल प्रभु विकाल दरसी नैन तीसरे से ज्वाला बरसी,
नारायण तब अस्तुति की नि शिव मुख देख ज्योत तब हरसि,
महाकाल सोनू धुनि रमानी,
बाबा भर्फानी मेरा भोला भर्फानी,