भोले का डमरू बोले बोल बम बम बम ओमकारा,
रटती जो हर हर बहती धरा पर माँ गंगा की धारा
भोले का डमरू बोले बोल बम बम बम ओमकारा,
नील कंठ भोले नाथ तीन नेत्र धारी को,
चल के मना लो आज भोले भंडारी को,
यहाँ सब का भरे भंडारा बोल बम बम ओमकारा,
अड़रूप नारेश्वर एक रूप तेरा है,
घट घट वासी मरघट में भी डेरा है,
तूने रूप देगमवर धारा बोल बम बम ओमकारा,
दुनिया में पार तेरा कोई नहीं पाया है,
तेरा ही रूप तो तिरलोक में समाया है,
तूने सारे जग को तारा बोल बम बम ओमकारा,