ढोल नगाड़े भजते है बाबा तेरे मंदिर में,
नित नये मेले लगते है भूत नाथ के मंदिर में हो,
दरबार तू अपने भुला,
ढोल नगाड़े भजते है बाबा तेरे मंदिर में,
सारे जहां से है न्यारा दरबार तेरा है प्यारा,
देख के प्यारी छवि तुम्हारी झूमे मनवा हमारा,
बोलो जय बाबा की,
भीड़ बड़ी होती है बाबा तेरे मंदिर में,
नित नाये मेले सजते है भूत नाथ के मंदिर में,
दरबार तू अपने भुला,
कितनो को हम ने देखा है जो रोते हुए जाते है,
पर तेरे दरबार से बाबा हस्ते हुए आते है,
खाली झोली भर्ती है बाबा तेरे मंदिर में,
नित नाये मेले सजते है भूत नाथ के मंदिर में,
दरबार तू अपने भुला,
हम है दीवाने तेरे बाबा तेरा ही दर्शन चाहे,
दिल से लगा ले मन में वसा ले हम तो इतना चाहे,
मंशा पुरण होती है बाबा तेरे मंदिर में,
नित नाये मेले सजते है भूत नाथ के मंदिर में,
दरबार तू अपने भुला,